समय का महत्त्व अथवा समय चूकि वा पुनि पछताने

 समय का महत्त्व

अथवा
समय चूकि वा पुनि पछताने

भूमिका – प्रकृति द्वारा मनुष्य को अनेकानेक वस्तुएँ प्रदान की गई हैं। इनमें कुछ ऐसी हैं जिनका मूल्य आँका जा सकता है और कुछ ऐसी हैं जिनके मूल्य का आँकलन नहीं किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही है-समयजिसका  तो मूल्य आँका जा सकता है और  वापस लौटाया जा सकता है।

समय सदा गतिमान – समय निरंतर गतिमान रहता है। उसे रोका नहीं जा सकता है। समय की गतिशीलता के बारे में ही कहा गया है। Time and tide wait for none. अर्थात् समय और समुद्री ज्वार किसी की प्रतीक्षा नहीं करते हैं। जो व्यक्ति समय का लाभ नहीं उठाते हैं और अवसर आने पर चूक जाते हैंया हाथ आए अवसर का लाभ नहीं उठा पाते हैंवे पछताते रह जाते हैं। कहा गया है कि जो व्यक्ति समय को नष्ट करते हैंसमय उन्हें नष्ट कर देता है।

समय बड़ा बलवान – समय बड़ा बलवान माना जाता है। समय के आगे आज तक किसी की नहीं चली है। बड़े-बड़े योद्धाराजाधनसंपन्न व्यक्तियों की भी समय के सामने नहीं चल पाई। समय ने उन्हें भी अपना शिकार बना लिया। समय के साथ-साथ पेड़ों के पत्ते गिर जाते हैंफल पककर शाखाओं का साथ छोड़ जाते हैऔर नीचे  गिरते हैं।

समय का पालन करती प्रकृति – समय का महत्त्व भला प्रकृति से बढ़कर और कौन समझ पाया है। तभी तो प्रकृति के सारे काम समयपर होते हैं। सूर्य समय पर उगकर अँधेरा ही दूर नहीं करताबल्कि धरती पर प्रकाश और ऊष्मा फैलाता है। मुरगा समय पर बाग देना नहीं भूलता है तो उचित ऋतु पाकर पौधों में नई पत्तियाँ  जाती हैं। वसंतु ऋतु में पौधों पर फूल  जाते हैं। छोटा पौधा जैसे ही बड़ा होता है वह फल देना नहीं भूलता है। गरमी के अंत तक बादल पानी लाकर धरती का कल्याण करना नहीं भूलते हैंतो समय पर फ़सलें अनाज दिए बिना नहीं सूखती हैं।

महापुरुषों की सफलता का राज़ – ऋषि-मुनि रहे हों या अन्य महापुरुष अथवा सफलता के शिखर पर पहुँचे व्यक्तिसभी की सफलता के मूल में समय का महत्त्व एवं उसके पल-पल का उपयोग करने का राज छिपा है। महात्मा गांधीनेहरू जीतिलक आदि ने समय के पल-पल का उपयोग किया। वैज्ञानिकों की सफलता में समय पर काम करने की सर्वाधिक आवश्यकता होती है। इसी प्रकार मात्र एक मिनट के विलंब से स्टेशन पर पहुँचने वाले लोगों की ट्रेन छूट जाती है।

समय के दुरुपयोग का दुष्परिणाम – कुछ लोगों की आदत होती है कि वे व्यर्थ में समय गँवाते हैं। वे कभी आराम करने के नाम पर तो कभी मनोरंजन के नाम पर समय का दुरुपयोग करते हैं। इस प्रकार समय गँवाने वाले सुखी नहीं रह सकते हैं। कहा जाता है कि जूलियस सीजर सभा में पाँच मिनट विलंब से पहुँचा और उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इसी प्रकार कुछ ही मिनट की देरी से युद्ध स्थल पर विलंब से पहुंचने वाले नेपोलियन को नेल्सन के हाथों हार का सामना करना पड़ाजिसकी डिक्शनरी में असंभव शब्द था ही नहीं।

विद्यार्थी और समय का सदुपयोग – विद्यार्थी जीवनमानवजीवन के निर्माण का काल होता है। इस काल में यदि विद्यार्थी में समय के पल-पल के उपयोग की आदत एक बार पड़ जाती है तो वह आजीवन साथ रहती है। जो विद्यार्थी समय पर शय्या का त्यागकर पढ़ाई करते हैंउन्हें अच्छा ग्रेड लाने से कोई रोक नहीं सकता है।

उपसंहार – समय अमूल्य धन है। हमें भूलकर भी इस धन का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। इससे पहले कि और देर होहमें समय के सदुपयोग की आदत डाल लेनी चाहिए।

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